जाने IFWJ (इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ) के बारे में:
गुटनिरपेक्ष दुनिया में सबसे बड़े पत्रकार संगठन के रूप में इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की स्थापना 28 अक्टूबर 1950 को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर हुई है। आजादी के बाद स्वतंत्र भारत में श्रमजीवी पत्रकारों के हितार्थ कार्य करने वाला यह देश का सबसे बड़ा पंजीकृत ट्रेड युनियन संघ है। वर्तमान परिपेक्ष्य में 30.000 हजार से अधिक प्राथमिक एवं सहयोगी सदस्य 35 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में साधारण एवं 17 भाषाओं में करीब 1260 प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मिडिया संवाद समिति और टीवी में कार्यरत है। पूर्व में टाइम्स ऑफ इंडिया, मुम्बई में कार्यरत रहे कामरेड के. विक्रम राव वर्ष 2016-18 तक निर्विरोध निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष है।
स्थापना के समय से ही आई.एफ.डब्ल्यू.जे. राजस्थान इकाई भी पत्रकारों के हितार्थ सदैव संघर्षशील रहा है। राजस्थान प्रदेश इकाई के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष हैं। द पुलिस पोस्ट और आई.एफ.डब्ल्यू.जे. पत्रिका के संपादक उपेन्द्र सिंह राठौड़।
आई.एफ.डब्ल्यू.जे. देश भर में एक मात्र ऐसा संगठन है जिसकी इकाईयां और शाखाएं हर नगर, कस्बे और प्रकाशन केन्द्र में है। इन इकाईयों द्वारा प्रेस क्लब, पत्रकार भवन, प्रेस अकादमी, संदर्भ लाइब्रेरियां, प्रशिक्षण केन्द्र, अध्ययन मंच, आदि संचालित किए जा रहे हैं। पत्रकारिता शोध, श्रमिक संघर्ष, मानव अधिकारों के लिए आंदोलन, पर्यावरण संरक्षण, युद्ध विरोधी अभियान आदि कार्यक्रमों में फैडरेशन की इकाईयां निरंतर क्रियाशील रहती है।
विश्वव्यापी मीडिया कार्यक्रम में भी आई.एफ.डब्ल्यू.जे. पूर्णतया जुड़ा हुआ है। आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के पारस्परिक संबंध 47 राष्ट्रों की पत्रकार यूनियनो से है। अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (I.L.O. ) जिनेवा व यूनेस्को (UNESCO ) से जनसंचार विकास के अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम (I.P.D.C.PARIS ) की विभिन्न योजनाओं के साथ आई.एफ.डब्ल्यू.जे. सक्रियता से जुड़ा है। यह कोलम्बों स्थित एशियाई पत्रकार यूनियनों के परिसंघ (Confed of Asian Journalist Unions ) के समबद्ध है।
आई.एफ.डब्ल्यू.जे. अध्यक्ष ही इस एशियाई परिसंघ के चैयरमैन भी है। पिछले कुछ वर्षों में फैडरेशन के कई सौं सदस्य यूरोप, अमेरिका और अफ्रीकी देशों में प्रशिक्षण और सम्मेलनों मे भाग लेने जा चुके है।
फैडरेशन के संविधान के अनुसार शीर्षपद पर अध्यक्ष होता है जिसे हजारों सदस्य राष्ट्रव्यापी प्रत्यक्ष मतदान से प्रत्येक दो वर्ष के लिए चुनते है। अध्यक्ष के साथ एक प्रधान सचिव, चार उपाध्यक्ष, छह क्षेत्रीय सचिव, एक कोषाध्यक्ष व 15 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य का चयन होता है।
इन सभी का निर्वाचन राष्ट्रीय पार्षद त्रैवार्षिकी प्रतिनिधि अधिवेशन में गुप्त मतदान व अनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर किया जाता है।
कामरेड के. विक्रम राव: गद्यकार सम्पादक और टीवी रेडियों समीक्षक के साथ ही साथ श्रमजीवी पत्रकारों के हितार्थ प्रकाशित मासिक दि वर्किंग जर्नलिस्ट के प्रधान सम्पादक भी है। श्री के. विक्रम राव वायस ऑफ अमेरिका, हिन्दी समाचार संभाग, वाशिंगटन के दक्षिण एशियाई ब्यूरो मंज संवाददाता रहे। भारतीय प्रेस काउंसिल के 1991 से लगातार 6 वर्षों तक सदस्य रहे। भारत सरकार द्वारा 2008 में गठित मजीठिया वेतन बोर्ड (1996) और माणिसाणा वेतन बोर्ड के सदस्य रहते हुए देश विदेश के श्रमजीवी पत्रकारों के हितार्थ कार्य करते हुए 12वें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पुन: तीन वर्ष के लिए निर्वाचित होकर मार्च 2016 से अपनी अध्यक्षीय पारी खेलते हुए देश के पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्षशील हें।
उपेन्द्र सिंह राठौड़ : आई.एफ.डब्ल्यू.जे. में प्रदेश के विभिन्न पदों के तहत राजस्थान में पत्रकारों के लिए संघर्ष करने वाले जुझारू उर्जावान युवा कामरेड है। के. विक्रम राव ने इनकी कार्यशैली के मद्देनजर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया, लेकिन राजस्थान प्रदेश के जैसलमेर में 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान आयोजक के रूप में राठौड़ की कार्यप्रणाली एवं संगठन निष्ठा से प्रसन्न होकर राव ने इन्हें निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदीश नारायण जैमन की जगह प्रदेशाध्यक्ष की बागडोर सोंपी । इनके कार्यकाल में प्रदेश में राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद दूसरी उपलब्धि के रूप में एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय सम्मेलन 19 फरवरी 2017 को पंचायती राज संस्थान में आयोजित किया गया, इसमें प्रदेश से करीब 200 पत्रकारों की सहभागिता रही। अक्टूबर 2017 की 27 व 28 तारीख को राजस्थान प्रदेश की राजधानी जयपुर में आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के 67 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया जिसमें देश के साथ राजस्थान के प्रत्येक जिले, उपखंड से पत्रकारों ने सैकड़ों की संख्या में भाग लिया , इतनी बड़ी संख्या में पत्रकारों का सम्मेलन राजस्थान प्रदेश में प्रथम बार आयोजित हुआ , जो आई.एफ.डब्ल्यू.जे. की सशक्तता को दर्शाता है। प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह राठौंड़ ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर नागर, उपाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, वरिष्ठ साथी प्रेम शर्मा के साथ प्रदेश भर के दो बार सघन दौरा करते हुए राजस्थान प्रदेश के 33 जिलों, उप जिला मुख्यालय फलौदी में जिला इकाइयों का गठन अल्प समय में किया। वर्तमान में 850 से अधिक पत्रकार आई.एफ.डब्ल्यू.जे. संस्था के सदस्य हैं । युनियन की 67वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम के पश्चात प्रदेश के सभी 289 उपखण्ड तक आई.एफ.डब्ल्यू.जे. की इकाइयों को गठित करने के साथ प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए देश के प्रधानमंत्री तथा राज्य की मुख्यमंत्री के नाम समस्त विधायकों व सांसदो से राजस्थान प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कराने के लिए अनुशंषा पत्र लिखवाने का कार्य किया जा रहा है जिसमें आशातीत सफलता भी प्राप्त की हैं। प्रदेशाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह राठौड़ का प्रदेश में मुख्यतया फोकस : पत्रकार, फोटोग्राफर, कैमरामेन पर होने वाले हमलों में गैर जमानती धाराओं में मुकदमें दर्ज हो, बिना मुख्यमंत्री व उनके नामित अधिकारी की अनुमति के किसी पत्रकार की गिरफतारी न हो, कैशलेस मेंडीक्लेम व विशेष बीमा एवं दुर्घटना बीमा केन्द्रीय सरकार द्वारा करवाया जाए, सभी श्रेणी की बसों में जहा तक प्रदेश की बस सेवा हो पत्रकारों को यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, कैमरामेन व इलेक्ट्रोनिक मीडिया में कार्यरत पत्रकारों के उपकरणों की विशेष बीमा सुविधा राज्य सरकार की तरफ से उपलब्ध हो, राष्ट्रीय राजमार्गो पर पत्रकारों की स्वयं के वाहन से यात्रा करने पर टोल से मुक्त किया जाए, लंबित पड़ी आवास प्रक्रिया का शीघ्र निस्तारण किया जाए , पत्रकारों के बच्चों के लिए केन्द्रीय विद्यालय में शिक्षा हेतु कोटा निर्धारण...