पत्रकार है तो राजनेता है

बाल कल्याण संरक्षण बोर्ड की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने इस अवसर पर कहा कि पत्रकार है तो राजनेता है, ब्यूरोके्रसी है और देश है। पत्रकार के सामाजिक और राजनैतिक योगदान को नकारा नहीं जा सकता। पत्रकार ही देश का एक ऐसा स्तम्भ है जो बिना किसी लाग लपेट नफा-नुकसान के देश को दिशा देने में अग्रणी रहता है। वर्तमान परिपेक्ष्य में देश के इस अघोषित चैथे स्तंभ को सुरक्षित रखना सिस्टम का एक अभिन्न अंग हो गया है और देश प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून जितना जल्दी अमल में लाया जाए उतना ही अच्छा है।

इस दौरान पूर्व मंत्री गोपाल केशावत ने भी कहा कि देश में में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होना समय की मांग है, देश के उत्थान और एकता अखंडता के लिए यह लाजमी हो चुका है कि देश-प्रदेश की सरकार इस मांग पर गंभीर हो जाए।

पत्रकारों की दयनीय स्थिति

प्रदेशाध्यक्ष उपेन्द्रसिंह राठौड़ ने कहा कि देश के पत्रकारों की स्थिति मैक्सिको और पाकिस्तान से भी गई गुजरी है। आए दिन समाचार संकलन के दौरान पत्रकारों पर जान लेवा हमले हो रहे हैं। इन हमलों के दौरान पत्रकारों को अपनी जान भी गवानी पड़ रही है। मजीठिया केस को लेकर देखें तो एक पत्रकार की अपने संस्थान में क्या स्थिति है इसका पता चलता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान हालात को लेकर प्रदेश इकाई पिछले दिनों से प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के लिए संघर्ष कर रही है। प्रदेश के हर जिले से मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टरों को सौंपे जा चुके हैं और पत्रकार सुरक्षा कानून को अमल में लाने को लेकर प्रदेश की सरकार ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। इसका हम इस मंच से तहेदिल से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के संघर्ष को गंभीरता से लिया। राठौड़ ने राष्ट्रीय परिपेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संगठन राष्ट्रीय स्तर पर मजीठिया की लड़ाई लड़ रहा है और वह पत्रकार हितार्थ मीडिया घरानों के साथ इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई लड़ने की सोच परिपक किए हुए है।
आई.एफ.डब्ल्यू.जे. जयुपर जिला अध्यक्ष प्रेम शर्मा ने कहा कि मैं काफी समय से सोच रहा हूं कि मीडिया जब देश का चैथा स्तम्भ है तो उसे सुरक्षा की क्या जरूरत आ पड़ी? मंथन करने पर अहसास हुआ कि देश को आजाद हुए भले ही 60 साल हो गए हों, लेकिन इस दौरान कलमकार किसी न किसी का पेरोकार बनकर रह गया। जिसके परिणामस्वरूप पत्रकारिता मिशन से परिवर्तित होकर व्यावसायिक हो गई। जहां स्वार्थ का टकराव होने लगा और निर्भिक पत्रकारिता पर आंच आना शुरू हो गई। इस दौरान आए दिन पत्रकार घायल होने लगे और अपनी जान से हाथ धोने लगे। अघोषित चैथे स्तम्भ को इस दौर में सुरक्षा का कवच लाजमी हो गया अैर इस संघर्ष का बिगुल बजाते हुए हम पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करवाने के लिए संघर्षरत हो गए। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से देश वर्तमान में तत्कालीन हालात से काफी आगे निकल चुका है और हम पेशे से घोषित पत्रकार होते हुए भी अमान्य है क्यांेकि देश में चैथे स्तम्भ को वैधानिक मान्यता नहीं है। हां देश में पत्रकार सुरक्षा कानून के लागू होने से स्वत ही चैथा स्तम्भ भी वैध हो जाएगा। समारोह के द्वितीय सत्र में प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रमुख अर्चना शर्मा आदि नेताओं ने शिरकत की और अपने विचार व्यक्त करते हुए पत्रकारों की मांगो का समर्थन किया।
समारोह में उत्तर प्रदेश आई.एफ.डब्ल्यू.जे. अध्यक्ष हबीब सिद्दीकी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नमीता बोडा सहित देश भर से आए पत्रकारांे ने जहां अपने विचार रखे, वहीं प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर नागर, उपाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा उपाध्यक्ष अभय जोशी, कोषाध्यक्ष कमलेश गोयल, सचिव मुख्यालय मोहित गोस्वामी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पुष्पेन्द्र सिंह राजावत, श्रीमति मीरा शर्मा, अलवर जिला अध्यक्ष स्वदेश कपिल, धौलपुर जिला अध्यक्ष गौपेश पचैरी, भरतपुर जिला अध्यक्ष उमेश लवानिया, भीलवाड़ा जिला अध्यक्ष मुकेश राठी, झुंझुनू जिला अध्यक्ष राजेन्द्रसिंह, श्रीगंगानगर जिला अध्यक्ष राकेश कौशिक, फलौदी जिला अध्यक्ष रामावतार बोहरा, चित्तौड़गढ़ जिला अध्यक्ष राजेश जोशी, राजसमंद जिला अध्यक्ष कमल पालीवाल सहित प्रदेश के 25 जिला अध्यक्षों ने संबोधित किया।
समारोह में 27 अक्टूबर को प्रदेश के पत्रकारों के दो सत्र आहूत किए गए, जिसमें प्रदेश भर से आए जिला अध्यक्षों की टीम ने अपने रिपोर्ट कार्ड पेश करने के साथ अपने जिलों में पत्रकारों के समक्ष आ रही समस्याओं से अवगत कराया। 28 अक्टूबर को देश भर के पत्रकारों के दो सत्र आहूत किए गए। इसमें पत्रकार सुरक्षा कानून के साथ पत्रकारों की वर्तमान समस्याओं पर वक्ताओं ने अपने विचार रखें और उत्तर प्रदेश से आए सिद्दीकी ने राष्ट्रीय संगठन की मजीठिया बोर्ड को लेकर चल रहे संघर्ष में हासिल उपलब्ध्यिों की जानकारी देते हुए वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
समारोह में सभी अतिथियों के साथ विशिष्ठ पत्रकारों का माल्यार्पण, दुशाला व साफा पहनाकर स्वागत किया गया। महिला आयोग अध्यक्ष सुमन शर्मा व बाल कल्याण संरक्षण बोर्ड की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने भी साफा पहनने की इच्छा जाहिर की तो उनका भी स्वागत शाल के साथ साफा पहनाकर किया गया।